भावार्थ – अपने तेज [शक्ति, पराक्रम, प्रभाव, पौरुष और बल] – के वेग को स्वयं आप ही सँभाल सकते हैं। आपके एक हुंकारमात्र से तीनों लोक काँप उठते हैं।
जपत निरन्तर हनुमत बीरा ॥२५॥ सङ्कट तें हनुमान छुड़ावै ।
भावार्थ – हे अतुलित बल के भण्डार घर रामदूत हनुमान जी! आप लोक में अंजनी पुत्र और पवनसुत के नाम से विख्यात हैं।
Anjana presents birth to Hanuman inside a forest cave, after becoming banished by her in-legal guidelines. Her maternal uncle rescues her through the forest; though boarding his vimana, Anjana accidentally drops her infant on a rock. However, the newborn remains uninjured even though the rock is shattered. The newborn is lifted in Hanuruha, As a result acquiring the identify "Hanuman."
व्याख्या – मैं अपने को देही न मानकर देह मान बैठा हूँ, इस कारण बुद्धिहीन हूँ और पाँचों प्रकार के क्लेश (अविद्या, अस्मिता, राग, द्वेष एवं अभिनिवेश) तथा षड्विकारों (काम, क्रोध, लोभ, मोह, मद, मत्सर) से संतप्त हूँ; अतः आप जैसे सामर्थ्यवान् ‘अतुलितबलधामम्‘ ‘ज्ञानिनामग्रगण्यम्‘ से बल, बुद्धि एवं विद्या की याचना करता हूँ तथा समस्त क्लेशों एवं विकारों से मुक्ति पाना चाहता हूँ।
व्याख्या – श्री हनुमान जी महाराज ने श्री विभीषण जी को शरणागत होने का मन्त्र दिया था, जिसके फलस्वरूप वे लंका के राजा हो गये।
Victory to Lord Hanuman, the ocean of knowledge and virtue. Victory into the Lord that is supreme One of the monkeys, illuminator of your 3 worlds.
It is up to you; there isn't a unique rule to reciting Hanuman Chalisa. The greater you repeat, the more you develop into near Lord Hanuman. Your mind must constantly be a hundred% centered on the Chalisa while reciting to encounter the grace of God.
क्या सच में हनुमान चालीसा नहीं पढ़नी चाहिए?
The king from the gods, Indra, responds by telling his spouse which the residing remaining (monkey) that bothers her is always to be found as a friend, and that they ought to make an effort to coexist peacefully. The hymn closes with all website agreeing that they should occur with each other in Indra's dwelling and share the prosperity in the offerings.
When you have additional time then You may also chant Hanuman Chalisa 108 moments, which is mentioned to convey fast outcomes, if done faithfully and with purity on the thoughts.
भावार्थ– जो व्यक्ति इस हनुमान चालीसा का पाठ करेगा उसे निश्चित रूप से सिद्धियों [लौकिक एवं पारलौकिक] की प्राप्ति होगी, भगवान शंकर इसके स्वयं साक्षी हैं।
बालाजी आरती
कीजै नाथ हृदय महँ डेरा ॥४०॥ ॥दोहा॥ पवनतनय सङ्कट हरन मङ्गल मूरति रूप ।